Yoga For Acidity अब पेट से जुडी हर समस्याएं अनियमित दिनचर्या और अनियमित भोजन से होती हैं। आजकल अधिकांश लोग पेट में बनाने वाली गैस से परेशान है, और इससे छुटकारा पाने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाइयों में भी सीमाएं और नुकसान हैं। ऐसे में गैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए प्राकृतिक उपाय सबसे अच्छा और सुरक्षित माना जाता है।
योग अभ्यास से अधिक प्रभावी प्राकृतिक उपाय कुछ नहीं हो सकता है? इसलिए आर्टिकल में हम आपको गैस्ट्रिक रोग से छुटकारा पाने के लिए कुछ योगासन (Acidity Yoga) के बारे में बतायेंगे जिसे रोजाना करके आप गैस की समस्या से छुटकारा पा सकते है। वास्तव में, हमने निरिक्षण में पाया है की योग करने से गैस से होने वाली समस्या से निजात पाया जा सकता है।

पेट में बनाने वाली गैस की समस्या को दूर करने के लिए योगासनों और कुछ यौगिक क्रियाओं का अभ्यास किया जा सकता है। पेट की गैस से छुटकारा पाने के लिए व्यक्ति के खान-पान और शारीरिक गतिविधियों में सही बदलाव भी आवश्यक होता हैं। आइये हम पहले पेट में बनाने वाले गैस से राहत दिलाने वाले योगासनों पर चर्चा करते है।
Acidity से छुटकारा पाने के लिए अपनाये ये 3 योगासन (Yoga For Acidity)
शशांकासन
योग एक्सपर्ट के अनुशार शशांकासन योग भी पेट और गैस्ट्रिक रोगों से निजात दिलाने में मदद करता है। असल में, इस सरल अभ्यास से पाचन तंत्र को सीधे लाभ मिलता है और तनाव से छुटकारा मिलता है। इससे अप्रत्यक्ष रूप से गैस की समस्या से छुटकारा मिल सकती है क्योंकि तनाव पेट और गैस्ट्रिक से जुड़ी अन्य समस्याओं को बढ़ाता है। इसलिए इस योगासन का नियमित रूप से अभ्यास करने से आप भी गैस और पेट से जुडी अन्य समस्याओ से छुटकारा पा सकते है।

शशांकासन करने की आसान बिधि
याद रखें कि इस आसन का अभ्यास करते समय आपका शरीर खरगोश के आकार का बनता है, इसलिए इसे “शशांकासन” कहते हैं। इस आसन को करने के लिए आपको वज्रासन में बैठकर सांस को अन्दर लेते हुए अपने दोनों हंतो को सीधा करके ऊपर की ओर उठाना होता है। फिर सांस को छोड़ते हुए हांथो को बिना मोड़े कमर के ऊपर का हिस्सा जमीन की तरफ झुकाए। इस स्थिति में आपके सिर, हाथ और कोहनी जमीन पर होना चाहिए।
इस स्थिति में आप सांसों को कुछ देर के लिए रोके रहें और फिर सांस लेते हुए फी से वज्रासन स्थिति में लौट आये। शुरू में आप इस आसन को 3-4 बार कर सकते हैं, लेकिन फिर आप इसे अधिक बार कर सकते हैं क्योंकि यह आपके पेट और कमर की चर्बी को कम करता है, जो आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।
वज्रासन
वज्रासन अभ्यास को पेट की बीमारियाँ दूर करने में बहुत अच्छा माना जाता है। यह एक ऐसा आसन है जिसे खाना खाने के बाद करना बेहद फायदेमंद माना जाता है। इस आसन को करने से शरीर का रक्त नाभि की ओर जाता है, जिससे पाचन क्षमता बढ़ती है। ऐसे में इसका नियमित अभ्यास करने से गैस, कब्ज, अम्लपित्त और पेट की दूसरी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। अगर आप भी पेट से सम्बंधित किसी भी समस्या से परेशान है, तो इस योगासन का नियमित अभ्यास करे।

वज्रासन करने की आसान बिधि
इसका अभ्यास करने के लिए आपको सीधा बैठकर अपने घुटनों को मोड़कर पंजो के बाल बैठना होगा। इस बात का ध्यान रहे की इस स्थिति में आपके दोनों पैरो के अंगूठे आपस में मिलाने चाहिए, लेकिन आपकी दोनों पैरो के एडियो में कुछ दूरी होनी चाहिए। इस स्थिति में आपके पैरों पर शरीर का पूरा भार रहेगा और आपके दोनों हाथ आपके पैरो पर होंगे। साथ ही, सिर, गर्दन और पीठ, यानी कमर से ऊपर का हिस्सा एक सिद्ध में होंना अनिवार्य है।
आपको इस स्थिति में शांत और स्थिर होकर गहरी सांसे लेते हुए कुछ समय तक बैठना होता है। शुरू में आप इसे 1 से 5 मिनट तक अभ्यास कर सकते हैं, फिर जैसे-जैसे इस अवस्था में आपके लिए बैठना आसान हो जाये तो आप इस अभ्यास को करीब 10 मिनट तक कर सकते है। इस योग अभ्यास को रोजाना करने से पेट से जुडी हर समस्या से छुटकारा पा सकते है।
पवनमुक्तासन
पेट में होने वाली गैस को बाहर निकालने में यह तीसरा और सबसे अच्छा योगासन है। इस योगासन का नाम “पवनमुक्तासन” है। इस योगासन का अभ्यास खासतौर पर रीढ़ की हड्डी की मरोड़ और शरीर के निचले हिस्सों से जुड़े आतंरिक अंगो के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है। इस योगासन का नियमित रूप से अभ्यास करने से गैस्ट्रिक रोग और पेट की अन्य बीमारियां दूर होती हैं। यह भी पेट की चर्बी को कम करने में काफी मददगार साबित होता है।

पवनमुक्तासन करने की आसान बिधि
इस अभ्यास को करने के लिए जमीन पर चटाई बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं, और फिर दोनों हांथो की सहायता से अपने दोनों घुटनों को मोड़ते हुए छाती के पास लाए। इस स्थिति में कुछ देर यानि की (लगभग 10–15 सेकेंड) तक अपनी सांस को रोके रहना है और फिर अपने दोनों पैरो को धीरे-धीरे सीधा करे और सामान्य स्थिति में लौट आए। इसी तरह रोजाना अभ्यास करना है।
शुरू में इसे आपकों केवल 4 से 5 बार ही करना चाहिए, और फिर इसकी आदत पड़ने पर आप इसकी संख्या अपने मुताबित बढ़ा सकते है। यदि आपको पहले से ही कमर दर्द की समस्या है, तो आप इस आसन का अभ्यास करने से बचें. इसके बजाय, आप इसका अभ्यास किसी अनुभवी प्रशिक्षक की देख-रेख में कर सकते है।
दिनचर्या और खान-पान को नियंत्रित करना भी आवश्यक है (Yoga For Acidity)

इनके अलावा, पेट में बन रहे गैस की समस्या से बचने के लिए खान-पान पर भी ध्यान देना बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए अधिक मसालेदार और तले-भुने चीजो को खाने से बचें। साथ ही आप दही, हल्दी, अनानास, अदरक, हींग और पपीता जैसे पाचक भोजन भी खा सकते हैं। वहीं अगर आप पेट की बीमारी को दूर करना चाहते है, तो आपको शारीरिक गतिबिधि भी अधिक करनी पड़ेगी, ताकि आपका पाचन भी ठीक हो और उससे जुड़ी अन्य समस्याएं भी कम हों जाये।
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